खालीपन
- Aadishaktii S.
- Jan 20
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This post has been sourced from my old blog.
Original Blog Date: January 2, 2017
हर छंद में मौन की आवृत्ति;
हर भूल भुलैया भावों की;
हर आवाज़ का गूंजता सन्नाटा,
जिसमे खालीपन चीख कर गाता |
सब समझ आने पर, राय धुंधली पड़ जाती;
चित्त की गरीबी पे चले तूफानी आंधी;
जैसे खलिहान का रेत हो जाना,
वैसे ही सुन पड़ता है खालीपन का गाना|
मर-मर कर चलती स्याही जैसे;
हवाओं की कोई कहानी जैसे;
सुख-दुःख का झट ओझल हो जाना;
कुछ ऐसे हसता है वीराना |
शब्दों के बीच में रुकना;
बेम़तलब में ही थकना ;
आरम्भ में अंत का दिखना ,
ये है...
खालीपन का दिल में घर करना !
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